जब
नन्हें क़दम
द्रुत गति में बढ़ते हरदम
कोमल उँगलियाँ
सदमें में डूबी घुस जायें
अँधेरी खदानों
में, और
सवेरा रोज़ दम
तोड़े,
कुछ चुनते,
कुछ ढूँढ़ते
कुछ छू छू के
टटोलते
फिर सवाल उठते है ज़ेहन में
क्या है यह
और क्यों है यह ?
जब
बड़े बड़े खदानों
के तले,
सुनहरे सपने
धूल मिट्टी में सने
कभी जाने अनजाने
सिसकियाँ ले
कभी औंधे हीं
दब जाए
कुछ छूट जाए,
कुछ टूट जाए
कुछ-कुछ, कभी-कभी
अभ्रक की चमक
में विलीन हो जाए
फिर सवाल उठते है ज़ेहन में
क्या है यह
और क्यों है यह ?
जब
आशा की दूकान
में, शिक्षा का एक सामान न मिले
उन नन्हें क़दमों
के लिए खेल का एक मैदान न मिले
तब
क्या है यह
और क्यों है यह
पूछ कर क्या
हासिल होगा ?
जो है उसको
ठीक से देखो
क्या हीं क्यों
में तब्दील होगा।
मेरे नन्हें साथी,
जाओ ….
खादानों में
कहीं खो जाओ
देखो तुम्हारे बचपन के लिए
कोई नियम नहीं,
क़ानून नहीं
तुम्हारी नीलाम ज़िन्दगी के लाखों खरीददार मर गए।
कुछ उन्हीं
झुर्रियों से आज भी जद्दोजेहद किए हुए
कुछ चेहरे तस्वीर
से दीवारों पर टंगे हुए
हर एक चेहरे पर आज भी
तुम्हारे अभ्रक
की लौ जगमगाती हैं
हर एक चेहरे
पर सदा के लिए
तुम्हारे रूह
का निशान रह गया।
आपकी अमृता
चौदह अक्टूबर
दो हज़ार बीस
Mica is a natural mineral that, once processed, provides shimmer to makeup, toothpaste, car paint, and many other products.
It's estimated that 22,000 children
work in mica mines in the East Indian states of Jharkhand and Bihar.
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