कौन छुए
कौन
गुथे
कौन
देख देख
मन मन भरमाए
कौन
रोपे
कौन
सींचे
कौन
गाहे
धीमे
धीमे बतियाए
कौन
आकर्षण
कौन
आकर्षित
समय
की अद्भुत सृष्टि
क्या
अनुकूल
क्या
प्रतिकूल
अकेले
एक कोने
जूझा
झेला
आँधी
और
तीव्र
गति
फिरभी … सदैव
अडिग
कठोर
ना हुआ
टस से मस
एकमात्र
घर का कैक्टस
आपकी
अमृता
बारह
सितम्बर दो हज़ार बीस
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