Saturday, 19 September 2020

वस्तुस्थिति

 







उलझन हीं सुलझन है

विचलित हीं स्थिरता


परिवर्तन हीं प्रगति है

प्रश्न हीं उन्नति 

 

भटकना हीं दिशा है

तलाश हीं प्राप्ति

 

विध्वंस हीं उत्त्पत्ति है

बहिष्कार हीं स्वीकृति 

 

वस्तुस्थिति में व्याकुलता आवश्यक है

भ्रम से मुक्ति के लिए  

 

उल्लंघन अनिवार्य है

नए नियम की स्थापना के लिए

नए वर्तमान के निर्माण के लिए

 

आपकी अमृता

उन्नीस सितम्बर दो हज़ार बीस

 

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